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विद्या बालन पर भारी पड़ी शेफाली शाह की अदाकारी, जिंदगी का सबक सिखा गई ‘जलसा’

फिल्म: जलसा
ओटीटी: अमेजन प्राइम वीडियो
निर्देशक: सुरेश त्रिवेणी
कास्ट: विद्या बालन और शेफाली शाह
रेटिंग: 3 स्टार

क्या है कहानी: जलसा में विद्या बालन एक सफल पत्रकार माया मेनन के किरदार में हैं, जिसे लोग देखना और सुनना पंसद करते हैं। वहीं माया के घर पर काम करने वालीं महिला यानी हेल्पर रुखसाना मोहम्मद के किरदार में शेफाली शाह नजर आ रही हैं। एक रात माया जब ऑफिस से घर आ रही होती हैं तो गलती से उसकी कार से एक एक्सीडेंट हो जाता है। लेकिन डर की वजह से माया उस लड़की आलिया को तड़पता हुआ बीच सड़क पर ही छोड़ देती है। कहानी आगे बढ़ती है और पता लगता है कि जिस आलिया का एक्सीडेंट माया से हुआ था, वो रुखसाना की बेटी है। अब खुद को बचाने के लिए माया क्या कुछ करती है और कैसे उसके इस हालात में बाकी लोगों की कहानियां जुड़ती हैं, यही फिल्म की कहानी है। कहानी तब और दिलचस्प होती है, जब रुखसाना को पता लगता है कि माया से ही उसकी बेटी आलिया का एक्सीडेंट हुआ था। इसके बाद क्या होता, माया को सजा होती है या नहीं… रुखसाना बदला लेती है या नहीं.. ये सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

कैसी है एक्टिंग और निर्देशन: विद्या बालन और शेफाली शाह, दोनों ही बेहतरीन कलाकार हैं और एक बार फिर इस फिल्म में दोनों ने अपनी एक्टिंग का हुनर दिखाया है। विद्या जहां इससे पहले शेरनी और तुम्हारी सुलु में वाहवाही लूट गई थीं तो वहीं दिल्ली क्राइम और ह्यूमन में शेफाली ने एक दम अलग किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीता। जलसा में पत्रकार के किरदार में जहां विद्या एक दम बेबाक दिखती हैं तो वहीं घटना के बाद से खुद से चल रही उनकी लड़ाई भी चेहरे पर दिखती है। इसके दूसरी ओर मेड के किरदार के साथ ही एक मां की भावनाओं को भी शेफाली ने बखूबी उकेरा है। फिल्म देखने के बाद ये कहना भी गलत नहीं होगा कि शेफाली शाह, विद्या के भी आगे निकल गई हैं। विद्या का लुक कुछ खास अलग नहीं है, लेकिन शेफाली अपने किरदार में काफी ढली हुई दिखती हैं और स्क्रीन पर उन्हें देखकर एक बार के लिए पहचानना भी मुश्किल होता है।  बात बाकी किरदारों की करें तो सभी ने अपने हिस्से का काम पूरा किया है। हालांकि मानव कौल के फैन्स जरूर ये सोचने लगेंगे कि वो इस फिल्म में क्या कर रहे थे? एक्टिंग के बाद बात निर्देशन की करें तो उस में और बेहतरी की गुंजाइश है। फिल्म कई हिस्सों में कहानी और निर्देशन के हिस्से से टूटी दिखती है। फिल्म में इस बात को अच्छे से दिखाया है कि हर कहानी से कोई और कहानी जुड़ी होती है।

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