Saturday, March 15, 2025
Homeउत्तराखंडसंस्कृत को राज्य की द्वितीय राजभाषा के रूप में सम्मानित करने के...

संस्कृत को राज्य की द्वितीय राजभाषा के रूप में सम्मानित करने के लिए प्रतिबद्ध

देहरादून, । विधानसभा सत्र के दूसरे दिन, विधानसभा के हाल में एक अद्वितीय और ऐतिहासिक दृश्य देखा गया, जब राज्य की द्वितीय राजभाषा संस्कृत में संवाद हुआ। यह पहल विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विशेष दिशा-निर्देश पर शुरू की गई, जो संस्कृत को राज्य की द्वितीय राजभाषा के रूप में सम्मानित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मध्यान भोजन के बाद, जब सत्र प्रारंभ होने से पहले विधानसभा का हाल गूंज उठा, तो यह एक नई शुरुआत का प्रतीक था। संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा संस्कृत अकादमी के सहयोग से राज्य के सभी माननीय मंत्रियों, विधायकों को सरल संस्कृत संभाषण का प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने संस्कृत की महत्ता पर जोर देते हुए कहा, “संस्कृत से ही भारत के विश्व गुरु बनने का रास्ता तय होता है, और इसलिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया है। हम सभी को संस्कृत का सम्मान करते हुए इसे अपने दैनिक संवाद का हिस्सा बनाना चाहिए।” इसके अलावा, शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, ष्राज्य सरकार ने 13 ग्रामों को संस्कृत ग्राम घोषित किया है, जहां प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है जो ग्रामीणों को सरल संस्कृत संभाषण सिखाएंगे। संस्कृत शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों को इस कार्य के लिए मेरी बधाई और शुभकामनाएं। इस कार्यक्रम में संस्कृत उन्नयन समिति के अध्यक्ष और विधायक भरत चौधरी, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, सौरभ बहुगुणा, विधायक बृजभूषण गैरोला, सविता कपूर, उमेश कुमार, रेनू बिष्ट, सचिव दीपक गैरोला, निदेशक आनंद भारद्वाज, उपनिदेशक डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल, संस्कृत अकादमी के सचिव बाजश्रवा आर्य, पंकज पालीवाल समेत कई अन्य गणमान्य व्यक्ति विशेष रूप से उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments