देहरादून, । जिलाधिकारी सविन बसंल ने सोमवार को ऋषिपर्णा सभागार में जनता दर्शन कार्यक्रम में जन समस्याएं सुनी। दूरदराज से पंहुचे लोगों ने भूमि विवाद, घरेलू हिंसा, निजी भूमि पर कब्जा, बाढ सुरक्षा, दैवीय आपदा में क्षतिपूर्ति, आर्थिक सहायता, मुआवजा आदि से जु़ड़ी 151 शिकायतें रखी। जिनमें से अधिकतर शिकायतों का जिलाधिकारी ने मौके पर ही निस्तारण किया गया। जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि जन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उच्च प्राथमिकता पर उनका समाधान करना सुनिश्चित करें। जिला प्रशासन की मदद से अपनी भूमि पर कब्जा पाने तथा भूमि सीमांकन होने पर 75 वर्षीय बुजुर्ग राकेश तलवाड़ ने जनता दरबार में पहुंच कर प्रसन्न मन से डीएम को आर्शीवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनकी एवं नगर निगम की भूमि के बीच सीमांकन को कार्यालयों के दो सालों से चक्कर काट रहे थे, जिलाधिकारी के संज्ञान में मामला आने पर निस्तारण हुआ है। वहीं एग्रीमेंट समाप्त होने और किराया डिफाल्टर होने के बाद भी कंपनी निजी भूमि से मोबाईल टावर नही हटाने पर व्यथित बुजुर्ग सुशीला देवी की गुहार पर डीएम ने मौके पर ही टावर सीज कराने के आदेश जारी किए। अपनी मां, परिजन, समस्त मोहल्ले वालों का जीना दूभर करने वाले दिव्यकांत लखेडा के विरूद्ध गुंडा एक्ट संस्थित करते हुए डीएम ने फास्ट्रेक सुनवाई में वाद दर्ज करवाया। मोहल्ले वासियों संग स्वयं पीडित मां डीएम दरबार पहुंची। गुडा एक्ट में दोषी पाए जाने पर उनका जिला बदर तय है।
बुड्डी गांव निवासी बाबूलाल ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई उनको 2017 में वृद्धावस्था पेंशन पट्टा स्वीकृत निरंतर पेंशन मिलती थी फरवरी के बाद वृद्धावस्था पेंशन नही मिली, जिस पर जिलाधिकारी ने समाज कल्याण विभाग को एरियर सहित पेंशन का भुगतान के निर्देश दिए। बुजुर्ग बाबूलाल की पेंशन आधार सीडिंग न होने के कारण भुगतान नही हो पाई थी जिस पर समाज कल्याण विभाग द्वारा बुजुर्ग की आधार सीडिंग कराई जा रही है।
अधोईवाला निवासी सुशीला देवी ने गुहार लगाई की उनके घर पर वर्ष 2007 से मोबाइल टावर लगा है जिसका अनुबंध समाप्त हो गया है तथा 2017 से किराया भी नही दिया जा रहा है उन्होंने गुहार लगाई कि उनकी संपत्ति से मोबाइल टावर को सील करते हुए अग्रिम कार्यवाही के निर्देश दिए। उद्योग से सम्बन्धी मामला आया जिलाधिकारी ने जीएमडीआईसी को बुलाया किन्तु उपस्थित नही हुए न ही कार्यालय द्वारा किया गया फोन उठाया जिस जिस पर जीएमडीआईसी का 01 दिन वेतन रोकने के निर्देश दिए।