Friday, August 1, 2025
Homeउत्तराखंडसदियों से भारतीय ज्ञान परंपरा, वेद-वेदांग और सांस्कृतिक साधना का अद्वितीय केंद्र...

सदियों से भारतीय ज्ञान परंपरा, वेद-वेदांग और सांस्कृतिक साधना का अद्वितीय केंद्र रहा

कर्नाटक/देहरादून, । उत्तराखंड के संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कर्नाटक के श्रृंगेरी स्थित राजीव गांधी परिसर, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान मंत्री ने परिसर की शैक्षिक गतिविधियों का अवलोकन किया और वहाँ अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों से संवाद कर शिक्षण प्रणाली की जानकारी प्राप्त की। श्रृंगेरी, जो आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार पीठों में से एक है, सदियों से भारतीय ज्ञान परंपरा, वेद-वेदांग और सांस्कृतिक साधना का अद्वितीय केंद्र रहा है। यहीं स्थित राजीव गांधी परिसर, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पारंपरिक गुरुकुल पद्धति और आधुनिक शैक्षणिक तकनीकों के समन्वय से संस्कृत शिक्षा का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है। “श्रृंगेरी परिसर में पारंपरिक संस्कृत शिक्षा के साथ आधुनिक विषयों का अद्भुत समन्वय देखकर मन प्रसन्न हुआ। विद्यार्थियों का गहन अध्ययन, गुरुओं का मार्गदर्शन एवं परिसर का शुद्ध वातावरण संस्कृत शिक्षा के आदर्श केंद्र की अनुभूति कराता है। इस मॉडल को उत्तराखंड जैसे सांस्कृतिक राज्य में भी अपनाने की आवश्यकता है, जहाँ संस्कृत पहले से ही हमारी द्वितीय राजभाषा है।“ डॉ. रावत ने यह भी स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को और अधिक सशक्त करने हेतु ठोस कदम उठा रही है। राज्य में संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों की अधोसंरचना को आधुनिक स्वरूप देने, डिजिटल माध्यम से पाठ्यक्रमों को पहुँचाने तथा संस्कृत में रोजगारोन्मुखी विषयों को जोड़ने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। “श्रृंगेरी से मिली प्रेरणा उत्तराखंड में संस्कृत शिक्षा को नव दिशा प्रदान करेगी। हम उत्तराखंड में ’संपूर्ण संस्कृत ग्राम’, ’गुरुकुल आधारित शिक्षा पद्धति’ और संस्कृत में नवाचार को बढ़ावा देने की योजनाएँ बना रहे हैं।“ मंत्री ने यह भी अवगत कराया कि केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड में संस्कृत विश्वविद्यालय की नई शाखाएँ, ऑनलाइन संस्कृत पोर्टल, एवं संस्कृत स्नातकों हेतु विशेष स्कॉलरशिप योजना प्रारंभ करने की योजना पर भी विचार हो रहा है। इस अवसर पर मंत्री के साथ संस्कृत सचिव दीपक कुमार, कुलपति दिनेश चंद्र शास्त्री, निदेशक आनंद भारद्वाज, सचिव वाजश्रवा आर्य, हरीश गुरुरानी तथा किशोरी लाल श्रृंगेरी विश्वविद्यालय से प्रो चन्द्रकान्त, सह निदेशक, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, राजीव गांधी परिसर, श्रृंगेरी, कर्नाटक, डा नारायण वैद्य, असि प्रोफेसर डा विवेकशील पाठक, असि प्रोफेसर उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here


Most Popular

Recent Comments