Tuesday, July 8, 2025
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“वड्डा सडावण,वड्डा दुख पावण”- जितने बड़े पद प्रतिष्ठा जिम्मेदारी या ओहदे में रहेंगे,उतने ही बड़े कष्ट,जिम्मेदारियाँ और दुख भी सहने पड़ेंगे

“वड्डा सडावण,वड्डा दुख पावण”- जितने बड़े पद प्रतिष्ठा जिम्मेदारी या ओहदे में रहेंगे,उतने ही बड़े कष्ट,जिम्मेदारियाँ और दुख भी सहने पड़ेंगे

वैश्विक स्तरपर सरकार,शासन, प्रशासन से लेकर समाज़ तक का नेतृत्व करके सार्वजनिक जीवन जीने वाले व्यक्ति को हर पग़ पर नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर दुनियाँ क़े हर देश की प्रौद्योगिकी ने इतनी उन्नति कर ली है,कि अब हूबहू कृत्रिम मानव एआई कार्यबल, दिमाग, इतना ही नहीं हम अपने दिमाग में क्या सोच रहे हैं वह भी मशीन द्वारा बता दिया जाएगा जैसे मानव जीवन में नई चुनौतियों को उदय कर दिया है मैं एडवोकेट किशनसनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र मानता हूं कि हम प्रौद्योगिकी जीवन की जितनी सुख सुविधाओं का उपयोग करेंगे, तो हमें उससे होने वाले अनेकों हानियों को भी सहने के लिए तैयार रहना चाहिए हम प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हमेशा पढ़ते रहते हैं इतने लोग लिफ्ट में फंसे, इतनें उस हादसे में मृत्यु हुए घायल हुए, सबसे दुखद अभी सटीक उदाहरण 12 जून 2025 प्लेन क्रैश है। आज हम इस विषय पर चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आज मंत्री से लेकर संत्री तक यानी टॉप से लेकर बॉटम तक बैठे व्यक्तियों द्वारा फोन का उपयोग किया जाता है, हालांकि यह दशकों से हो रहा है परंतु इसकी प्रौद्योगिकी इतनी उन्नत हो गई है कि आज हर कॉल टेप हो रहा है,जो मुसीबत की जड़ बन सकता है। ऐसा ही काम थाईलैंड की युवा 38 वर्षीय प्रधानमंत्री पैटोंगटारन शिनावात्रा के साथ हुआ है, उन्होंने अपने पड़ोसी मुल्क कंबोडिया के पूर्व पीएम और सांसद के साथ अभी हाल ही मई में माह में हुए थाईलैंड कंबोडिया सीमा पर कुछ विवाद के संबंध में कुछ दिन पूर्व 17 मिनट की फोन पर बातचीत की व पारिवारिक संबंधों के कारण अंकल कहकर संबोधन किया और फिर वह कॉल लीक हो गया, जिससे ऐसा सियासी धामासान हुआ कि गठबंधन टूट गया, सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो गए, व तख्ता पलट की आशंकाएं उत्पन्न हो गई है, जिससे थाई प्रधानमंत्री को 19 जून 2025 को माफी मांगनी पड़ी है। इसलिए ही मेरा मानना है कि पंजाबी भाषा में एक मशहूर कहावत है, “वड्डा सडावण,वड्डा दुख पावण”- जितने बड़े पद प्रतिष्ठा जिम्मेदारी या ओहदे में रहेंगे,उतने ही बड़े कष्ट, जिम्मेदारियाँ और दुख भी सहने पड़ेंगे, इसलिए आज हम मीडिया उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, एक देश के प्रधानमंत्री का फोन कॉल लीक,तख़्ता पलट की आशंका, सियासी घमासान,गठबंधन टूटा, सड़कों परज़ोरदार प्रदर्शन,माफी मांगी।
साथियों बात अगर हम थाईलैंड की पीएम व कंबोडिया के पूर्व पीएम की फोन पर 17 मिनट की बातचीत की करें तो, दुनियाँ के कई पड़ोसी देशों में बॉर्डर पर झड़प होती रहती है,ऐसे माहौल में दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने होती हैं, मरने मारने की नौबत आती है, हालांकि एक देश के पीएम ने ऐसे समय में पड़ोसी देश के नेता को फोन मिलाकर जो बातें कहीं, उसने सरकार की कुर्सी हिला दी हैँ,अब 10 महीने पुरानी इस सरकार के सहयोगी ने गठबंधन का साथ छोड़ दिया है, जनता और सेना में भारी गुस्सा देखा जा रहा है, पीएम को माफी मांगनी पड़ी है और वह झट से सैनिकों के बीच पहुंच गई हैं,ये मामला थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटारन शिनावात्रा से जुड़ा हैँ।एक फोन कॉल से सरकार गिर सकती है, खासकर उस समय जब देश के प्रधान मंत्री ने फोन कॉल पर क्या सिक्रेट बात की थी, उसकी रिकॉर्डिंग लीक हो जाए, ऐसा थाइलैंड में होता दिख रहा है जहां की प्रधान मंत्री पैटोंगटारन शिनावात्रा पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है, कंबोडिया से बढ़ते सीमा विवाद को लेकर कंबोडिया के शक्तिशाली पूर्व नेता के साथ हुई पैटोंगटार्न की 17 मिनट की कॉल रिकॉडिंग लीक हो गई है।कॉल पर ऐसी क्या बात हो गई?थाइलैंड और कंबोडिया के बीच विवादित सीमा को लेकर कई सप्ताह से कलह जारी है, 15 जून को पीएम पैटोंगटारन शिनावात्रा ने हुन सेन के साथ बात की थी जिन्हें वह “चाचा” कहती थी,अपनी कॉल में पैटोंगटारन न केवल अनुभवी कंबोडियन राजनेता के सामने झुकती हुई दिखाई दीं, बल्कि एक वरिष्ठ थाई सैन्य कमांडर की संभावितआलोचना भी करती सुनी गईं, उनके इस फोन कॉल को उनके आलोचकों और सहयोगियों, दोनों ने समान रूप से खतरे की रेखा के रूप में देखा उन्होंने रिपोर्टरों से कहा,”यह मेरे प्राइवेट फोन से एक प्राइवेट कॉल थी.”सरकार गिरने के करीब पैटोंगटारन ने माफी तब मांगी है। जब एक दिन पहले संसद के निचले सदन में तीसरी सबसे बड़ी कंजर्वेटिव भूमजैथाई पार्टी ने कॉल के ऑडियो का हवाला देते हुए सत्तारूढ़गठबंधन से हाथ खींच लिया था, पैटोंग टारन की फू थाई पार्टी के पास अब थाईलैंड की 500 सदस्यीय संसद में केवल 255 एक संकीर्ण बहुमत है, और कुछ अन्य गठबंधन सहयोगियों के बाहर निकलने से सरकार आसानी से गिर सकती है।बातचीत के लीक होते ही राजधानी बैंकॉक में सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए, विपक्ष ने पार्लियामेंट भंग करने और नए चुनाव की मांग कर दी है। लीक कॉल में पेटोंगटार्न ने हुन सेन को अंकल कहकर संबोधित किया, हालांकि यह व्यक्तिगत विनम्रता हो सकती थी, लेकिन थाई जनता और राष्ट्रवादी संगठनों ने इसे राष्ट्रीय गरिमा के खिलाफ माना, इससे भी बड़ी बात यह थी कि उन्होंने थाई सेना के एक अधिकारी को विरोधी कहा, जो उस बॉर्डर जोन की कमान संभाल रहा था जहां झड़प हुई थी,थाई सेना, जो देश की राजनीति में ऐतिहासिक प्रभाव रखती है, इस टिप्पणी से बुरी तरह आहत हुई, इसी बयान ने सैन्य असंतोष और तख्तापलट की आशंका को हवा दी है, बता दें कंबोडियाई नेता हुन सेन ने इस कॉल को न केवल 80 कंबोडियाई अधिकारियों के साथ साझा किया, बल्कि इसे फेसबुक पर सार्वजनिक भी कर दिया, उनका यह कदम दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों में तनाव का कारण बन गया। पेटोंगटार्न की सरकार को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब भूमजयथाई पार्टी, जो गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी, उन्होंने सरकार से समर्थन वापस ले लिया,इससे संसद में बहुमत घट गया है और अब सरकार गिरने की नौबत आ चुकी है, विपक्षी नेता नट्टाफोंग रुएंगपन्यावुट ने संसद भंग करने की मांग की है,उनकी दलील है कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय हितों से समझौता किया है।
साथियों बात कर हम का थाईलैंड पीएम द्वारा 19 जून 2025 को अपना पक्ष रख माफी मांगने की करें तो थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने गुरुवार को माफी मांगी। दरअसल, कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन के साथ उनकी बातचीत की रिकॉर्डिंग लीक हुई। इसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के मुद्दे नया सियासी बवाल खड़ा हो गया है। सरकार की एक बड़ी सहयोगी पार्टी गठबंधन से बाहर निकल गई है। वहीं, पैटोंगटार्न के इस्तीफे की मांग और तेज हो गई है। इससे उनकी पहले से ही डगमगा रही सरकार और कमजोर हो गई, जिसे उनकी पार्टी ‘फ्यू थाई पार्टी’ चला रही है। हालांकि आलोचना होने लगी तो पीएम ने तर्क दिया कि यह उनकी बात करने की टेक्निक थी, उन्होंने कहा, ‘मैं बस कूल दिखाना चाहती थी,यह इतनी भी महत्वपूर्ण चीज नहीं है, विवाद नहीं थमा तो पीएम को जनता से माफी मांगनी पड़ी, दक्षिणपंथी उन्हें जमकर कोस रहे हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि एक देश के प्रधानमंत्री का फोन कॉल लीक-तख़्ता पलट की आशंका-सियासी घमासान- गठबंधन टूटा-सड़कों पर प्रदर्शन- माफी मांगी,”वड्डा सडावण,वड्डा दुख पावण”- जितने बड़े पद प्रतिष्ठा जिम्मेदारी या ओहदे में रहेंगे,उतने ही बड़े कष्ट, जिम्मेदारियाँ और दुख भी सहने पड़ेंगे, वैश्विक स्तरपर सरकार, शासन,प्रशासन से लेकर समाज़ तक का नेतृत्व करके सार्वजनिक जीवन जीने वाले व्यक्ति को हर पग़ पर नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यम सीए (एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र 9359653465

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