Tuesday, May 13, 2025
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गांधी परिवार के भ्रष्टाचार की पोल खुलने की तिलमिलाहट : बंसल

देहरादून, । भाजपा ने हेराल्ड प्रकरण में कांग्रेस के प्रदर्शन को, उनके गांधी परिवार के भ्रष्टाचार की पोल खुलने की तिलमिलाहट बताया है। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कटाक्ष किया कि संविधान की किताब हाथ में लेकर घूमने वाले अब जांच एजेंसियों को खुलेआम धमका रहे हैं और न्यायिक प्रक्रिया पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। पार्टी मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि जिस नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र को हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने शुरू किया था, उसे कांग्रेस पार्टी ने  निजी कंपनी बनाने का पाप किया है। आज उसकी हजारों करोड़ की जमीन को अवैध तरीके से कब्जाने को लेकर जारी जांच और कानूनी कार्यवाही का दर्द, कांग्रेस पार्टी को होना स्वाभाविक है। क्योंकि उनके शीर्ष नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी इस प्रकरण में मुख्य आरोपी हैं और न्यायालय से बेल पर हैं। ये केस स्पष्ट करता है कि कैसे स्वतंत्रता सेनानियों की आवाज उठाने वाले बने पत्र को पहले निजी आवाज बनाया और फिर सरकार और निजी क्षेत्रों से सत्ता के दुरूपयोग से दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, भोपाल पटना आदि तमाम स्थानों पर हजारों करोड़ की संपत्ति दी गई। फिर साजिशन घाटे में दिखाया गया और कांग्रेस पार्टी से 90 करोड़ का लोन दिखाकर, मात्र 50 लाख में उस यंग इंडिया से अधिग्रहण करा लिया गया, जिसमें 90 फीसदी हिस्सेदारी सोनिया, राहुल की है।
उन्होंने कहा, कांग्रेसी गांधी परिवार के इस भ्रष्टाचार की जांच हो रही है, जिसमें ईडी की गाइडलाइन के तहत जांच पूरी होने के बाद चार्जशीट दाखिल की गई है। लेकिन बजाय सहयोग करने के, कांग्रेस पार्टी, जेल से बेल पर बाहर घूमने वाले अपने आलाकमान को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी इसकी घोर भर्त्सना करती है, कांग्रेस पार्टी की ये प्रतिक्रिया और ईडी को धमकाने की भाषा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और यह देश की विधिक प्रक्रिया का खुला उल्लंघन है।
वहीं तंज किया कि कांग्रेस को भी धरना देने का अधिकार है लेकिन जमीन और फंड लूटने का अधिकार नहीं है। इस घोटाले पर विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 1937 में नेशनल हेराल्ड को 5 हजार क्रांतिकारियों ने बतौर शेयर होल्डर्स शुरू किया था, यानी नेशलन हेराल्ड कभी भी नेहरू खानदान की जागीर नहीं रहा, जैसा वो बताने की कोशिश करते हैं। इसका प्रकाशन 2008 में बंद हो गया, क्योंकि बताया गया यह आर्थिक रूप से विफल रहा है। हैरानी है कि वह अखबार जिसे सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी और उनकी सरकारों का पूरा संरक्षण और आशीर्वाद प्राप्त हो, वह क्यों नहीं चल पाया। क्योंकि उनका मकसद अखबार चलना नहीं बल्कि विज्ञापन बटोरने और सरकार से संपत्ति हथियाना था। दरअसल आजादीकाल में देश के सच्चे सिपाहियों की आवाज़ को कांग्रेस ने आपने निजी व्यापार में बदलकर अपना एटीएम बना लिया था।

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