Tuesday, May 13, 2025
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बुनियादी सुविधाओं के विकास की सोच को पंख लगेंगेे : CM

देहरादून । प्रदेश के ऊर्जावान, युवा एवं यशस्वी मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व और लगातार प्रेरणा से पावरग्रिड जौलजीबी छोर पर समस्त वांछित तकनीकी परीक्षण करने के उपरान्त 31 मार्च 2025 को पिटकुल की 220/33 केवी उपसंस्थान, बरम एवं 220 केवी बरम-जौलजीबी पारेषण लाईन को ऊर्जीकृत कर दिया गया है।
पिटकुल के महाप्रबंधक (मा.सं.) अशोक कुमार जुयाल ने जानकारी देते हुए बताया कि निगम के प्रबंध निदेशक श्री पीसी ध्यानी के प्रयासों से ही इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के कार्यों को प्रभावी रूप से तीव्रता एवं गति प्रदान करने हेतु मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी एवं प्रमुख सचिव (ऊर्जा) डॉ आर मीनाक्षी सुन्दरम के मागदर्शन में पिटकुल के प्रबन्ध निदेशक पीसी ध्यानी एवं निदेशक (परिचालन) जीएस बुदियाल द्वारा लगातार प्रभावी अनुश्रवण एवं उक्त कार्यो को पूर्ण करने के लिए विभिन्न राज्यों एवं ऊर्जा की विभिन्न इकाईयों से समन्वय स्थापित किया गया, जिसके फलस्वरूप उक्त परियोजना सफलतापूर्वक प्रदेश के उपभोक्ताओं को अनवरत विद्युत आपूर्ति हेतु ऊर्जीकृत हो सकी। इस महत्वपूर्ण परियोजना के पूर्ण होने से भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री की वाईब्रैन्ट विलेज कार्यक्रमों को और गति मिलेगी, जिससे सीमाओं पर बुनियादी सुविधाओं के विकास की सोच को पंख लगेंगेे, साथ ही जनपद पिथौरागढ़ के सीमान्त तहसील धारचूला,मुनस्यारी एवं डीडीहाट में बढ़ती हुई विद्युत आपूर्ति की मांग को पूरा करने के साथ-साथ सीमाओं पर स्थापित भारतीय सेना,अर्द्धसैनिक बलों (क्रमशः आईटीबीपी, एसएसबी एवं सीआईएसएफ) के अधिष्ठानों को गुणवत्ता युक्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। साथ ही सीमाओं पर निर्बाध एवं गुणवत्ता युक्त विद्युत आपूर्ति से स्थानीय जनता को स्वरोजगार, उद्यमिता विकास एवं कुटीर उद्योग के विकास के नये अवसर सुलभ होंगे।
यह उपकेन्द्र भारत-नेपाल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के समीप स्थित होने के कारण सामरिक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
इसी वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह परियोजना ऊर्जीकृत करने में पिटकुल सफल हो गया है I इससे जहाँ एक ओर यूजेवीएनएल की सुरिंगाड परियोजना की विद्युत निकासी सम्भव हुई है तथा वही दूसरी ओर पिथौरागढ़ के विद्युत उपभोक्ताओं को लो-वोल्टेज और ट्रिपिंग से निजात मिलने के साथ-साथ गुणवत्तायुक्त बिजली प्राप्त होगी। इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड के गुंजी, गंगोलीहाट, जौलजीवी, मुनस्यारी, धारचूला, नाचनी, तवाघाट इत्यादि 33 केवी फीडरों से विद्युत निकासी संभव हो सकेगी, जिससे पहाडी क्षेत्रों में ट्रिपिंग की समस्याओं के साथ-साथ लाईन लॉस में भी कमी आयेगी।
श्री जुयाल ने बताया कि इस परियोजना के ऊर्जीकृत होने पर प्रबन्ध निदेशक, पिटकुल द्वारा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी तथा प्रमुख सचिव (ऊर्जा), उत्तराखण्ड शासन डॉ आर मीनाक्षी सुन्दरम का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया गया। प्रबन्ध निदेशक पीसी ध्यानी द्वारा पिटकुल के अधिकारियों की टीम ईला चन्द्र मुख्य अभियन्ता,मनोज कुमार महाप्रबन्धक,तरूण सिंघल वरिष्ठ लेखाधिकारी एवं राजीव सिंह अधिशासी अभियन्ता के साथ मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन आनन्दबर्द्धन द्वारा कार्यभार ग्रहण करने पर उनका पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। उक्त उपसंस्थान एवं सम्बन्धित लाईन के ऊर्जीकरण होने से जनपद पिथौरागढ़ में भविष्य में राज्य, केन्द्र एवं निजी सैक्टर की निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित मध्यम एवं लघु जल विद्युत परियोजनाओं यथा मोतीघाट, टांगा, मदकिनी, ओकली-1,ओकली-2, बुर्थिंग,फुलीबगड,सिरकारी, भ्योल,रूपसियाबगड़, पैनागाड़, जिम्बागाड, तान्कुल,कन्च्यौती,छिरकिला, रेलागाड़,जिम्बा,मारम,रालम, भैंसिनी, रालम, सिम्पू, उडभरफ्यूनशानी, सेला, उर्थिंग आदि से उत्पादित ऊर्जा का ग्रिड तक पारेषण सुनिश्चित किया जा सकेगा जिससे लगभग 432 मेगावाट विद्युत उत्पादन होगा।

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