Saturday, May 24, 2025
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मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में चार और पिथौरागढ़ में तैनात होंगी दो फैकल्टी

देहरादून,। सूबे के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण एवं प्रशिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत आधा दर्जन और विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति दी जायेगी। जिसका अनुमोदन प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दे दिया है। संविदा के आधार पर चयनित इन विशेषज्ञ चिकित्सकों में से चार फैकल्टी की नियुक्ति राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी तथा दो फैकल्टी पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में तैनात की जायेगी, ताकि इन कॉलेजों में शिक्षण व प्रशिक्षण कार्य और सुदृढ़ हो सके।
चिकित्सा शिक्षा विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सकों के शत-प्रतिशत पदों को भरने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है ताकि प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण और प्रशिक्षण गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित हो सके, साथ ही मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध अस्पतालों में आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार मिल सके। मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति को सरकार ने हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में साक्षात्कार समिति गठित की है, जो वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों का चयन कर विभाग को सौंप रही है। इसी क्रम में चयन समिति द्वारा आधा दर्जन विशेषज्ञ चिकित्सकों का चयन किया गया है। जिनकी नियुक्ति की मंजूरी राज्य सरकार ने दे दी है। जिनमें से चार  विशेषज्ञ चिकित्सकों को राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी तथा दो विशेषज्ञ चिकित्सकों को राजकीय मेडिकल कॉलेज में पिथौरागढ़ में नियुक्ति दी गई है। साक्षात्कार समिति द्वारा मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी  में साइक्रेट्री विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर डॉ. निकिता देउपा का चयन किया गया है। जबकि जनरल मेडिसिन विभाग में डॉ. रवि सिंह व डॉ. सुधीर कुमार वर्मा तथा पीडियाट्रिक्स विभाग में डॉं सतेन्द्र गुप्ता का चयन असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुआ है। इसी प्रकार राजकीय मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ में अस्थि रोग विभाग में डॉ. योगेश कुमार तथा दन्त रोग विभाग में डॉ. समीर पाण्डे का चयन असिस्टेंट प्रोफेसर के पद चयन हुआ है। इन सभी चयनित विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति चयन समिति द्वारा वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से किया गया। चयनित फैकल्टी की नियुक्ति संविदा के आधार पर आगामी तीन वर्ष अथवा उक्त पदों पर नियमित नियुक्ति होने तक जो भी पहले हो के लिये की गई है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति से मेडिकल कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को उच्च स्तरीय पढ़ाई के साथ-साथ बेहतर प्रशिक्षण मिल सकेगा साथ ही सम्बद्ध अस्पतालों में आने वाले मरीजों को भी बेहरत उपचार मिल सकेगा।

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