Warning: include_once(/home/u445257189/domains/uttaranchalsanchetna.com/public_html): failed to open stream: No such file or directory in /home/u445257189/domains/uttaranchalsanchetna.com/public_html/index.php on line 2

Warning: include_once(): Failed opening '' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php74/usr/share/pear') in /home/u445257189/domains/uttaranchalsanchetna.com/public_html/index.php on line 2
हमारे ऋषि-मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व जिन सिद्धांतों की खोज की थी, वे आज वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हो रहे : CM - उत्तरांचल संचेतना
Tuesday, December 2, 2025
Homeउत्तराखंडहमारे ऋषि-मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व जिन सिद्धांतों की खोज की थी,...

हमारे ऋषि-मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व जिन सिद्धांतों की खोज की थी, वे आज वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हो रहे : CM

देहरादून, । भारतीय सनातन संस्कृति में ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है। हमारे ऋषि-मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व जिन सिद्धांतों की खोज की थी, वे आज वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हो रहे हैं। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर विज्ञान धाम झाझरा में आयोजित कार्यक्रम में नोबेल पुरस्कार विजेता, भारत रत्न स्वर्गीय डॉ. सी.वी. रमन को भावांजलि अर्पित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून देश की पांचवी साइंस सिटी बन रही है, जो उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि साइंस सिटी हमारे राज्य को विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के क्षेत्र में भी एक ग्लोबल डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने में अहम् भूमिका निभाएगी। राज्य सरकार द्वारा तकनीक और नवाचार के उपयोग से सरकारी सेवाओं को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। जहां हम आज प्रदेश के प्रत्येक जनपद में एक ओर साइंस और इनोवेशन सेंटर, लैब्स ऑन व्हील्स, जीएसआई डैशबोर्ड, डिजिटल लाइब्रेरी, पेटेंट इनफार्मेशन सेंटर और स्टेम लैब्स के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं, वहीं, रोबोटिक, ड्रोन, सेमी कंडक्टर और प्री-इनक्यूबेशन लैब की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण नवाचारों को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक से भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नित-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। महान खगोलशास्त्री आर्यभट्ट, जिनके सिद्धांतों ने खगोल शास्त्र और गणित को सरल बनाया, आचार्य कणाद जिन्होंने हजारों साल पहले परमाणु की व्याख्या की, आचार्य नागार्जुन जिन्होंने सदियों पहले सोना, चांदी, तांबे, लौह, पारा व अभ्रक आदि का इस्तेमाल कर औषधीय भस्म बनाने की विधि तैयार की। महर्षि सुश्रुत जिन्होंने जटिल से जटिल शल्य चिकित्सा के सिद्धांत प्रतिपादित किए। ये सभी भारत के वो वैज्ञानिक स्तंभ हैं जिनके सिद्धांतों पर आज का आधुनिक विज्ञान स्थापित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, आज देश में डिजिटल इंडिया अभियान के अंतर्गत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी उन्नत तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे भारत वैश्विक तकनीकी क्रांति में अग्रणी भूमिका निभा सके। ये सभी उपलब्धियां भारत को आत्मनिर्भर और विज्ञान-प्रधान राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में टेक्नोलॉजी, डिजिटल गवर्नेंस, शोध एवं विकास, नई प्रौद्योगिकी तथा स्टार्टअप के अनुरूप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही, हम प्रदेश में साइंटफिक रिसर्च और लर्निंग को बढ़ावा देते हुए साइंस बेस्ड नॉलेज इकॉनमी को भी मजबूत किया जा रहा है।
विज्ञान में आगे बढ रहा देशः मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत आज कोरोना वैक्सीन के विकास से लेकर ब्रह्मांड के गूढ़ रहस्यों की खोज तक के कार्य आत्मनिर्भरता के मंत्र को अपनाकर कर रहा है। चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता ने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव पर उतरने वाला पहला देश बना दिया। जहां आदित्य एल1 मिशन के माध्यम से हमने सूर्य के रहस्यों को उजागर करने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया। वहीं अब गगनयान मिशन के तहत भारत जल्द ही अंतरिक्ष में मानव भेजने की तैयारी कर रहा है, जो हमारी वैज्ञानिक उपलब्धियों का एक और स्वर्णिम अध्याय होगा। ई गवर्नेंस को बढ़ावा दे रही है राज्य सरकारः मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न सरकारी सेवाओं को ई-गवर्नेंस के अंतर्गत ऑनलाइन पोर्टल द्वारा सरल और सुलभ बनाने का कार्य किया जा रहा है। नागरिकों को ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पेंशन प्रमाणपत्र समेत कई सेवाएं डिजिटल रूप से उपलब्ध की जा रही है। यही नहीं, कृषि के क्षेत्र में भी किसानों को तकनीक से जोड़ने हेतु राज्य में स्मार्ट एग्रीकल्चर तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में ड्रोन तकनीक और सेंसर आधारित खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे कृषि उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलगी। ई-टूरिज्म पोर्टल के माध्यम से पर्यटकों को ऑनलाइन बुकिंग और पर्यटन स्थलों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध किए जाने के भी प्रयास गतिमान हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here


Most Popular

Recent Comments