अल्मोड़ा, । अल्मोड़ा के द्वाराहाट ब्लॉक के दैना गांव में तेंदुए ने एक वृद्ध को मौत के घाट उतार डाला। बुजुर्ग मंगलवार दोपहर से लापता थे। बुधवार सुबह खोजबीन के दौरान घर के पास जंगल में बुजुर्ग का क्षत-विक्षत शव मिला। मौके पर पहुंचे प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने पिंजरा लगाने तथा पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा नहीं मिलने तक शव को उठाने नहीं दिया। तीन घंटे की मशक्कत के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए रानीखेत भेजा जा सका।
रानीखेत तहसील के दैना गांव निवासी मोहन राम (65) पुत्र स्व. प्रेम राम अपने भतीजे हरीश चंद्र के परिवार के साथ रह रहे थे। वह मेहनत मजदूरी और मवेशी चराने का कार्य करते थे। मंगलवार को मवेशियों को चराने के लिए जंगल गए बुजुर्ग घर नहीं लौटे। बुधवार सुबह ढूंढखोज में गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर उनका क्षत-विक्षत शव बरामद हो गया। ग्रामीणों ने कहा कि शव को तेंदुआ आधे से अधिक खा चुका था। सूचना के बाद बीडीसी सदस्य दीपक कन्नू साह भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। रानीखेत से संयुक्त मजिस्ट्रेट जय किशन, तहसीलदार मनीषा मारकाना सहित अल्मोड़ा से प्रभागीय वनाधिकारी महातिम यादव, सोमेश्वर के वन क्षेत्राधिकारी मनोज कुमार लोहनी भी मौके पर पहुंच गए। बीडीसी सदस्य दीपक कन्नू साह सहित ग्रामीणों ने वन अधिकारियों के सामने कड़ा आक्रोश जताया। कहा कि लंबे समय से क्षेत्र में तेंदुए का आतंक बना हुआ है लेकिन वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। ग्रामीणों ने तीन घंटे तक शव को घटनास्थल से नहीं उठाने दिया। बाद में अधिकारियों के आश्वासन के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। रेंजर मनोज कुमार लोहनी ने बताया कि तेंदुए को आदमखोर घोषित करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके लिए शिकारी को भी बुलाया गया है। तेंदुए के आदमखोर होने संबंधी साक्ष्य जुटाकर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को भेजे जाएंगे। फिलहाल तेंदुए की रेकी के लिए शिकारी को बुलाया गया है।

