Warning: include_once(/home/u445257189/domains/uttaranchalsanchetna.com/public_html): failed to open stream: No such file or directory in /home/u445257189/domains/uttaranchalsanchetna.com/public_html/index.php on line 2

Warning: include_once(): Failed opening '' for inclusion (include_path='.:/opt/alt/php74/usr/share/pear') in /home/u445257189/domains/uttaranchalsanchetna.com/public_html/index.php on line 2
उत्तराखंड : पारा हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहा - उत्तरांचल संचेतना
Tuesday, December 2, 2025
Homeउत्तराखंडउत्तराखंड : पारा हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहा

उत्तराखंड : पारा हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहा

देहरादून। उत्तराखंड ही नहीं इन दिनों पूरा देश भीषण गर्मी की मार झेल रहा है। पारा हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है। देश की राजधानी दिल्ली का पारा 46 डिग्री सेल्सियस को लांघ चुका है वहीं सूबे की राजधानी देहरादून का पारा बीते एक सप्ताह से 40 डिग्री सेल्सियस के पार है। जिसने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अभी चंद रोज पहले तक जहां चारों धामों में कड़ाके की सर्दी का कहर था वहीं यहां भी पारा 27 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा है तथा ओली में भी 21 डिग्री सेल्सियस के पास है जिसे लेकर सभी हैरान-परेशान हैं। मौसम विभाग द्वारा पारे के खतरनाक स्तर तक पहुंचने की भविष्यवाणी करते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है और अभी 15 जून तक मौसम में किसी बड़े बदलाव की संभावना से इनकार किया गया है। 10-11 जून को उत्तराखंड के कुछ पर्वतीय भागों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना जरूर जताई गई है लेकिन इससे कोई बड़ी राहत फिल्हाल नहीं मिलने वाली है। इस भीषण गर्मी के दौर में कामकाजी लोगों को सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है जिनके लिए घर से बाहर निकलना उनकी मजबूरी है। गर्मी से निजात पाने के लिए लोग शीतल पेय पदार्थों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। जो उनके स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है। अस्पतालों में डायरिया और पेट रोग संबंधी मरीजों में भारी वृद्धि हो रही है। देश के कई हिस्से ऐसे हैं जहां पारा 45 के पार जा चुका है और जून की गर्मी लोगों की जान पर भारी पड़ रही है। उत्तराखंड को इन दिनों इस गर्मी की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। राज्य के जंगल एक बार फिर से धधकने शुरू हो गए हैं। जिससे तापमान और बढ़ रहा है राज्य के कई क्षेत्रों में बिजली-पानी का संकट बढ़ गया है। राज्य में बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है जिसके कारण बिजली कटौती भी एक मजबूरी बन गई है। इस संकट से अभी फिलहाल कोई मुक्ति के आसार इसलिए भी नहीं दिख रहे हैं क्योंकि अभी मानसून आने में काफी समय लग सकता है पहले देश की राजधानी तक मानसून के 15 जून तक पहुंचने की बात कही जा रही है लेकिन अब इसमें एक सप्ताह और देरी होने की बात कही जा रही है। विश्व के बड़े देशों की ग्लोबल वार्मिंग को लेकर भले ही चाहे जो भी चिंताएं रही हो लेकिन उनके कारण पूरे विश्व को जिन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है वह किसी से छिपा नहीं है। बढ़ते तापमान से ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। जलस्रोत सूख रहे हैं तथा भूगर्भीय जल स्तर नीचे और नीचे होता जा रहा है। ग्लोबल वार्मिग की समस्या पर अगर विश्व राष्ट्र गंभीर नहीं होते हैं तो इसका प्रभाव पूरे मानव समाज को इसका दुष्परिणाम भोगना पड़ेगा, इसमें किसी को कोई शंका नहीं होनी चाहिए।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here


Most Popular

Recent Comments